Sangeeta

Add To collaction

लेखनी कहानी -29-Jun-2022 रिश्तो की बदलती तस्वीर


#रिश्तो की बदलती तस्वीर
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
जीवन में रिश्ते अहम होते हैं जिनके सहारे हम खुशी और गम दोनों ही पहलुओं को हम संतुलन में ला सकते हैं,
दुख की धूंप में रिश्ते कल्पवृक्ष की छांव बन जाते हैं,
 और सुख की छांव में वही रिश्ते खुशी के गीत गुनगुनाते हैं,
जीवन एक यात्रा है, सभी जानते हैं जीवन की यात्रा में बहुत लोगों का संपर्क मिलता है,जिसे हम रिश्ते कहते हैं 
यही रिश्ते जीने का एक बहाना होते हैं

 मां,पिता ,बहन ,भाई ,मित्र ,प्रेमी ,प्रेमिका, पति ,पत्नी , बेटा ,बेटी सभी का नाम रिश्ता है,लेकिन इन सभी के अपने अपने किरदार होते है,हर रिश्ता अपने आप में एकअहमियत रखता है,
 लेकिन एक कड़वी सच्चाई है, रिश्तो में  बदलाव का कारण,

 कुछ भी हो सकता है गलती किसी की भी हो सकती है या गलतफहमी भी कह सकते हैं, रिश्तो में बदलाव का कारण गलतफहमी, शक, विचार न मिलना,क्रोध  सहनशीलता की कमी यह सभी रिश्तो में पनपती हुई बीमारियां है जो रिश्तो में दीमक की तरह घर कर लेती है 

और धीरे-धीरे खोखली करती जाती हैं आपसी प्यार खत्म हो
जाता है ,और रिश्तो की स्वस्थता का आधार है सम्मान अगर रिश्तो में सम्मान है तो रिश्ता गहराई लिए होता है, हर रिश्ता स्वतंत्रता चाहता है बंधन से सिर्फ दूरियां बढ़ती है, आपसी संबंधों में खटास पहुंचती हैं 

एक मजबूत रिश्ता बनाए रखने के लिएं विश्वास, प्रेम ,समर्पण, निस्वार्थ भाव, इन्हीं विशेषताओं के कारण रिश्तो में स्वस्थता ला सकते हैं, चाहे वह कोई भी आपसी रिश्ता हो एक दूसरे को उनकी बुराइयों सहित स्वीकारना ही मजबूत रिश्ता कहलाता है, 

अच्छाइयां देखकर या सुंदरता को देखकर बनाया हुआ रिश्ता परिपक्व नहीं होता, क्योंकि हम इंसान हैं देवी-देवता या भगवान तो नहीं इंसान में अच्छाइयों के साथ बुराइयां भी होती हैं,
बस बुराइयों  और अच्छाइयों के बीच अपना तालमेल बैठाकर  हम एक मजबूत रिश्ते को जन्म दे सकते हैं,

 समय का पहिया चलता है, समय- समय का फेर है, 
जी हां बिल्कुल यही आज के युग में समय शब्द का होना बड़ा ही दुर्लभ है,समय नाम का पंछी तो जैसे लोगों की जिंदगी से उड़ता जा रहा है सब जीये रहे हैं, लेकिन इस भाग दौड़ में रिश्ते पीछे छूटते जा रहे हैं 

लोगों की जिंदगी और रिश्ते नाते बदलते जा रहे हैं 
भावनाओं संवेदनाओं का आज के युग में कोई मोल नहीं है,
 हर रिश्ता अपनी आत्मीयता खोता जा रहा है एक सीमित सांचे में अपने आप को बोता जा रहा है,
रिश्तो की नींव को मजबूत करने के लिए सबसे पहला कदम सम्मान, समय, विश्वास ,इन तीनों मूल मंत्र से ही आपसी रिश्तो को परिपक्व बना सकते हैं,

 व्यस्तता की आग में जल रहे हैं सभी,
 खो रहे हैं रिश्तो को न मिलेंगे कभी ,
लौट आओ दोस्तों समय बड़ा बलवान है,
 अहमियत रिश्तो की समझने वाला महान है ।
संगीता वर्मा ✍️...💞

   16
8 Comments

🤫

09-Jul-2022 01:20 PM

👍👍👍👍👍

Reply

Seema Priyadarshini sahay

01-Jul-2022 10:30 AM

बहुत खूब

Reply

Rony

30-Jun-2022 09:13 AM

Nice

Reply